होली
होली तो रंगो का त्यौहार है
गीले सिखवे मिटाकर ,
गले मिलने का त्यौहार है
चलो होलिका देहेन में मिटा कर सारे दुख , दर्द और की
मिलकर साथ गुजिया और मालपुवा खाने का त्यौहार है ।
अपनों ने भी साथ निभाया।
देखो देखो होली का त्योहार आया
रंग लगाओ, ढोल बजाओ,
अपनों के संग होली मनाओ।
एक चुटकी गुलाल में
मिटा देगा मन का मलाल
रंग लागा गुलाबी प्रीत का
जो न अब कभी उतरे।
-मनीषा जायसवाल
कोलकाता,
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संपादकीय/ होली