रचना/ संपादकीय

रिश्ता अपना भी पराया भी

रिश्ता अपना भी पराया भी देख रहा हूं हर रिश्ता, हर अपना पराया भी। बिक रहा है हर रिश्ता, देख रहा ह…

बाल दिवस -14 नवंबर

बाल दिवस -14 नवंबर  बच्चों के प्यारे चाचा नेहरू का,  जन्म दिवस अति पावन।  चौदह नवंबर जन्म दिन उनक…

न्याय मौन : डॉ कंचन जैन "स्वर्णा"

न्याय मौन : डॉ कंचन जैन "स्वर्णा" समाज का रूप बदला,  यहां हर कोई शेर है। अत्याचारों के…

लक्ष्य

लक्ष्य  सफलता     प्राप्ति     हेतु   ,  लक्ष्य    बनाना    होता  है  ।  लक्ष्य   प्राप्ति    हेत…

जीवन साथी

जीवन साथी    साथ    निभाए   जीवन    भर  ,  हमको    ऐसा   साथ   चाहिए ।  पथरीले   जीवन     पथ    प…

हाँ मैंने देखा है

हाँ मैंने देखा है  हां मैंने देखा है चार पैसा कम कमाने वाले लोग भी, मिलने की कोशिश करते हैं, मैंन…

तेरी याद

तेरी याद कभी  याद    तेरी   भुलाती   नहीं  है। हमें  रात  भर   नींद   आती  नहीं  है।। मिटाने कि क…

कैसे उठती है अर्थी इस मानवता की!

कैसे उठती है अर्थी इस मानवता की! हमने तपता व्योम निहारा और बेंवाई फटी धरा की। हमने देखा, कैसे उठत…

शरीर

शरीर शरीर  प्रभु  की  सुंदर  देन ,  सत्कर्मों  का प्रबल आधार ।  सदा   स्वस्थ   रखें   इसको ,  यथो…

खिलाफत

खिलाफत  ए ताज ए शान ख़िलाफत के बगैर खाली है, तुम्हारे रब से अभी कुछ मेरा हिसाब बाकी है।। जश्ने बह…

पिता जी

पिता जी  पिता समान कोइ नहीं, पिता ही सब संसार। पिता सूर्य परिवार के,  करे दूर अंधकार।१। चरणों में…

काया जब होवे निरोगी

काया जब होवे निरोगी जीवन में उत्साह रहेगा, कर्म पुण्य मय जब उपयोगी। तन भी साथ तभी तो देगा, काया ज…

कृष्ण सा "किशू " है तू

कृष्ण सा "किशू " है तू क्या कहूं कितना सुखद पल था, दर्द था पर मरहम सा था, मातृत्व के सु…

किताबों की दुनियाँ

किताबों की दुनियाँ       इल्म, अकल, अकीदत की, ये होती अद्भुत आगार। गुरवत भी मिटती है इनसे करती है…

महाराणा प्रताप जयंती - 9 मई

महाराणा प्रताप जयंती  शौर्य प्रतिमूर्ति  महाराणा  प्रताप का,  अवतरण पुनीत, पावन दिवस आज। युग -युग…

दान

दान कुछ खास  गुणों के कारण ही,  मनुष्य  जग   में  बना  महान।  स्वतः    हेतु    नहीं जीता  है,  नि…

मेरे गाँव की मिट्टी

मेरे  गाँव  की  मिट्टी  मेरे   गाँव   की   ,   मिट्टी    मुझको  ,  लगती     माँ   ,   जैसी   ही  …

आज भी है

आज भी है तू नसीब में नहीं है मेरे, पर मोहब्बत तो आज भी है। हमसफ़र नहीं है तू मेरा,  पर दोस्त तो आ…

एक पारितोषिक ऐसा भी

एक पारितोषिक ऐसा भी कितनी मजबूरी, बेबसी होती है.... उफ्फ ये मजदूरी.... पापी पेट के सवालों पर, स्व…

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