अभिलाषा
अभिलाषा देश हमारा उन्नति करे, नित रचे नए आयाम , सभी सुखी संपन्न हों, समृद्धि …
अभिलाषा देश हमारा उन्नति करे, नित रचे नए आयाम , सभी सुखी संपन्न हों, समृद्धि …
जब प्रेम दया का भाव नहीं घर समाज में फैली कटुता, पहले जैसा प्यार नही । कैसे खुशी धरा पर आए, जब ईम…
काश मैं छोटा-सा नटखट कान्हा होता काश मैं छोटा-सा नटखट कान्हा होता तो मेरे लिए वो छोटी-सी प्यारी…
ग़ज़ल दिल नशीं तुमसे प्यार कर बैठे। ख़ुद को हम बेक़रार कर बैठे।। प्यार शिद्…
बेटी मेरी परछाई है नन्ही सी परी है तू आसमान से आई है। फूल नहीं कली है तू बेटी मेरी परछाई है।। आ…
हाल ए दिल बयां करूं भी तो कैसे नानी, दादी के किस्से हो गए फजां से गुम, अब तो दरो दीवार से लोरी की…
बेटी दिवस पापा के सिर की पगड़ी मां हाथों की कलछुल बेटी, रिद्धि सिद्धि दो कुल है बेटी। पापा के …
शून्य सी चिंतन करती शून्य सी चिंतन करती, क्या उसके जन्म पर शिकन मां पिता के माथे पर बेहिसाब आए हो…
आइये पढ़ते हैं पं० आशीष मिश्र उर्वर जी द्वारा लिखी रचना- यादें यादें भुलाओगे जितना पास आती है…
अंजाम खतरों से खेलने वाले , अंज़ाम नहीं ध्यान करते । दिन रात कर्म…