रचना/संपादकीय

हे! विश्वकर्मन

हे! विश्वकर्मन                         (कविता) तू हो प्रतापी वंश के, विश्वकर्मा अंश के। पुरुषार्थ…

श्री गणेश

श्री गणेश देवों    के   देव   ,  महादेव   जी  ,  उनके पुत्र श्री गणेश की जय हो ।  गौरीसुत, लंबोदर…

गुरु ज्ञान आधार

गुरु ज्ञान आधार  करना गुरु की वंदना, करना गुरु का जाप। गुरू ज्ञान की रौशनी, स्वयं गुरू जी आप।। गु…

सोलह आने सच

सोलह आने सच  भारत भूमि बड़ी पूज्य भूमि,  विश्व जानता  और मानता।  सोलह आने सच यह बात,  सभ्यता, संस्…

प्रभाती

प्रभाती चीं-चीं करती आती चिड़िया। भोरे हमें जगाती चिड़िया।।                      ‌मीठे गीत सुनाती…

दर्द ए मोहब्बत

दर्द ए मोहब्बत  लोग कहते हैं मोहब्बत जिंदगी देती है,  पर हम तो कब के मर चुके हैं॥ जिस दिल में तेर…

अखंड सुहाग का वरदान दे दो माँ

अखंड सुहाग का वरदान दे दो माँ हे माँ सावित्री, आपके चरणों को छूकर करती हूं प्रणाम..... हे माँ, अख…

अक्षय तृतीया की शुभ घड़ी है आई

अक्षय तृतीया की शुभ घड़ी है आई ठंडी ठंडी बयार से प्रफुल्लित हुआ मन, पंछी भी कितने चहचहाने लगे, भा…

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