संपादकीय/ मेरे पिता

देव तुल्य हैं पिता हमारे

देव तुल्य हैं पिता हमारे  दुःख सहकर सुख तुमनें बाँटा। पग में चाहे चुभा हो काँटा। इतना कोई कर क्या…

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